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बेख़याली Bekhayali Lyrics In Hindi – Kabir Singh
Bekhayali Lyrics in Hindi from movie Kabir Singh sung by Sachet Tandon, this song is also sung by Arijit Singh in a separate verion of the Bekhayali mein. The song is written by Irshad Kamil and composed by Sachet-Paramara. Starring Shahid Kapoor & Kiara Advani in lead roles. Music Label T-Series.
Song Info
Song: Bekhayali
Singer: Arijit Singh / Sachet Tondon
Music: Sachet , Parampara
Lyrics: irshad Kamil
Label: T-Series
BEKHAYALI LYRICS IN HINDI
हम्म..
रातें देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूं कैसे तुझे
तू तो ख्यालों में साथ है
बेखयाली में भी
तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी
ये सवाल आये
तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी
ये सवाल आये
तेरी नजदीकियों की
ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फासले भी
तेरे बेमिसाल आये
ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फासले भी
तेरे बेमिसाल आये
मैं जो तुमसे दूर हूँ
क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ..
हिन्दीट्रैक्स
आ तू फासला मिटा
तू ख्वाब सा मिला
क्यूँ ख्वाब तोड़ दूं
क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ..
हिन्दीट्रैक्स
आ तू फासला मिटा
तू ख्वाब सा मिला
क्यूँ ख्वाब तोड़ दूं
ऊ..
बेखयाली में भी
तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ जुदाई दे गया तू
ये सवाल आये
तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ जुदाई दे गया तू
ये सवाल आये
थोड़ा सा मैं खफा हो
गया अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी
बेवजह ही मलाल आये
गया अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी
बेवजह ही मलाल आये
है ये तड़पन, है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे
हम्म..
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे
हम्म..
ये जो लोग बाग हैं
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूं..
ये नाकाम प्यार में
खुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूं..
ये नाकाम प्यार में
खुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ
ऊ..
रातें देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूं कैसे तुझे
तू तो ख्यालों में साथ है
बेखयाली में भी
तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी
ये सवाल आये
तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी
ये सवाल आये
ऊ..
नज़र के आगे हर एक मंजर
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
नज़र के आगे हर एक मंजर
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
आ ज़माने आजमा ले रुठता नहीं
फासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफा और ना मैं हूँ बेवफा
वो मेरी आदतों की तरह छुटता नहीं
फासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफा और ना मैं हूँ बेवफा
वो मेरी आदतों की तरह छुटता नहीं
Lyrics End Here
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